नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं जैसे की हमारा शरीर एक जटिल मशीन है, जो हर पल हमें अपने स्वास्थ्य के बारे में संकेत देता रहता है। मूत्र (पेशाब) और पसीना, जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं, कई बार अप्रिय गंध के साथ आते हैं। यह बदबू न केवल सामाजिक रूप से असहज कर सकती है, बल्कि यह हमारे शरीर में चल रही किसी गड़बड़ी का संकेत भी हो सकती है। आमतौर पर लोग इसे केवल गर्मी, खानपान या साफ-सफाई की कमी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन इसके पीछे कई गंभीर कारण भी हो सकते हैं जैसे डिहाइड्रेशन, इंफेक्शन, हार्मोनल बदलाव या मेटाबॉलिक समस्याएं। मूत्र और पसीने से बदबू: कारण, लक्षण और असरदार घरेलू उपाय इस आर्टिकल में हम मूत्र और पसीने से बदबू आने के कारणों, लक्षणों और कुछ आसान घरेलू उपायों को विस्तार से समझेंगे, ताकि आप इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकें।

मूत्र से बदबू: क्यों और कब होती है?
प्रमुख कारण
मूत्र से आने वाली तेज़, तीखी या असामान्य गंध के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यह गंध आपके खानपान, जीवनशैली या स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करती है। आइए, इसके प्रमुख कारणों को समझते हैं:
- डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते, तो मूत्र में मौजूद यूरिया, अमोनिया और अन्य टॉक्सिन्स गाढ़े हो जाते हैं। इससे पेशाब गहरे पीले रंग का और तेज़ गंध वाला हो जाता है। यह सबसे आम कारण है, जिसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। - खानपान और दवाइयां
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे लहसुन, प्याज, शतावरी (एस्पैरेगस), या ज्यादा प्रोटीनयुक्त भोजन मूत्र की गंध को बदल सकते हैं। इसके अलावा, कुछ दवाइयां जैसे एंटीबायोटिक्स या विटामिन बी सप्लीमेंट्स भी मूत्र को गंधयुक्त बना सकते हैं। - यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
UTI एक सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो मूत्रमार्ग को प्रभावित करता है। इससे पेशाब में तेज़, जलन जैसी गंध आती है, साथ ही पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब आना और निचले पेट में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। - डायबिटीज और कीटोएसिडोसिस
डायबिटीज के मरीजों में जब शरीर ब्लड शुगर को प्रोसेस नहीं कर पाता, तो कीटोन नामक तत्व बनता है। यह मूत्र को फल जैसी लेकिन अजीब गंध दे सकता है। यह स्थिति डायबिटिक कीटोएसिडोसिस की ओर इशारा करती है, जो एक मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है। - किडनी या लीवर की समस्याएं
अगर मूत्र में झाग, खून या असामान्य गंध बार-बार दिखे, तो यह किडनी स्टोन, किडनी इंफेक्शन या लीवर की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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लक्षण जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए
- पेशाब का रंग गहरा पीला, लाल या भूरा होना
- पेशाब में झाग या खून दिखना
- बार-बार पेशाब आना, जलन या दर्द
- तेज़ और लगातार गंध, जो खानपान बदलने के बाद भी न जाए
पसीने से बदबू: असल में गंध कहां से आती है?
पसीने की गंध के पीछे का विज्ञान
यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि पसीना अपने आप में गंधहीन होता है। असल में, जब पसीना त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तो बैक्टीरिया इसे तोड़ते हैं और उस प्रक्रिया में अप्रिय गंध पैदा होती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में ब्रोमोहाइड्रोसिस कहा जाता है। पसीने की गंध खासकर उन जगहों पर ज्यादा होती है जहां नमी और बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं, जैसे बगल, पैर, गुप्तांग और गर्दन।
प्रमुख कारण
- हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना)
कुछ लोगों में सामान्य से ज्यादा पसीना निकलता है, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। ज्यादा नमी बैक्टीरिया के लिए अनुकूल माहौल बनाती है, जिससे बदबू बढ़ जाती है। - हार्मोनल बदलाव
किशोरावस्था, गर्भावस्था, मेनोपॉज़ या मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलाव पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं। खासकर एपोक्राइन ग्रंथियां, जो बगल और गुप्तांगों में होती हैं, तनाव या हार्मोनल बदलाव के समय ज्यादा सक्रिय होकर गाढ़ा और बदबूदार पसीना पैदा करती हैं। - खानपान का प्रभाव
मसालेदार भोजन, लहसुन, प्याज, ज्यादा मांसाहार, शराब और कैफीन पसीने की गंध को तीखा कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ शरीर में सल्फर जैसे यौगिक छोड़ते हैं, जो पसीने के साथ मिलकर गंध पैदा करते हैं। - तनाव और मानसिक स्वास्थ्य
जब आप तनाव में होते हैं, तो एपोक्राइन ग्रंथियां ज्यादा सक्रिय होती हैं। इस दौरान निकलने वाला पसीना सामान्य से ज्यादा गाढ़ा और गंधयुक्त होता है।
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लक्षण जो सामान्य नहीं हैं
- पसीने की गंध अमोनिया जैसी, सड़ी हुई या अत्यधिक तीखी होना
- कपड़े बार-बार गीले होना और बदबू बरकरार रहना
- त्वचा पर रैश, खुजली या फोड़े-फुंसी का बनना
- गंध का बार-बार और बिना कारण बढ़ना
कब हो जाएं सतर्क?
मूत्र और पसीने की गंध अगर कभी-कभार या मौसम, खानपान जैसे कारणों से आए, तो यह सामान्य हो सकता है। लेकिन अगर यह गंध बार-बार, तेज़ और असहनीय हो, तो यह शरीर में किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें:
- मूत्र के लिए: अगर गंध के साथ जलन, दर्द, बार-बार पेशाब आना, खून या झाग दिखे।
- पसीने के लिए: अगर गंध अमोनिया जैसी हो, त्वचा पर रैश हों, या कपड़े बार-बार गीले हो रहे हों।
- दोनों के लिए: अगर गंध हफ्तों तक बनी रहे और घरेलू उपायों से न जाए।
ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह डायबिटीज, किडनी की समस्या, लीवर की गड़बड़ी या किसी इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।
असरदार घरेलू उपाय: गंध को जड़ से खत्म करें
1. पानी: सबसे आसान और प्रभावी उपाय
शरीर को हाइड्रेटेड रखना मूत्र और पसीने की गंध को कम करने का सबसे आसान तरीका है। रोज़ाना 2.5 से 3 लीटर पानी पीने से टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकलते हैं, जिससे मूत्र साफ और गंधहीन रहता है। पसीने की गंध भी कम होती है, क्योंकि हाइड्रेटेड त्वचा पर बैक्टीरिया कम पनपते हैं।
2. नींबू-पानी और नारियल पानी
नींबू का पानी शरीर को क्षारीय बनाता है और मूत्र प्रणाली को डिटॉक्स करता है। नारियल पानी मिनरल्स से भरपूर होता है और शरीर को ठंडा रखता है। दोनों का नियमित सेवन गंध को नियंत्रित करने में मदद करता है।
3. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
सेब का सिरका प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। एक गिलास पानी में 1-2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीने से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। इसे रुई से बगल पर लगाने से पसीने की बदबू भी कम होती है।
4. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां: धनिया, पुदीना और तुलसी
धनिया, पुदीना और तुलसी का काढ़ा बनाकर पीना शरीर की अंदरूनी सफाई करता है। ये जड़ी-बूटियां डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करती हैं और मूत्र व पसीने की गंध को नियंत्रित करती हैं।
5. बेकिंग सोडा और मुल्तानी मिट्टी
बेकिंग सोडा या मुल्तानी मिट्टी को पसीने वाली जगहों (जैसे बगल या पैर) पर लगाने से बैक्टीरिया मरते हैं और गंध कम होती है। मुल्तानी मिट्टी त्वचा को ठंडक भी देती है।
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परहेज़: इन चीजों से बचें
गंध को कम करने के लिए अपनी जीवनशैली और खानपान में कुछ बदलाव ज़रूरी हैं:
- खानपान: ज्यादा मसालेदार, तला हुआ खाना, लहसुन, प्याज, शराब और कैफीन की मात्रा सीमित करें।
- कपड़े: टाइट, सिंथेटिक कपड़े और प्लास्टिक के जूते न पहनें। कॉटन के ढीले कपड़े चुनें।
- स्वच्छता: रोज़ नहाएं और बगल, गुप्तांग, पैरों की सफाई पर ध्यान दें। एक ही अंडरगार्मेंट या जुराब दोबारा न पहनें।

डॉक्टर से कब मिलें?
अगर घरेलू उपायों और जीवनशैली में बदलाव के बाद भी गंध कम न हो, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें:
- मूत्र में खून, झाग, या जलन के साथ गंध
- पसीने की गंध के साथ त्वचा पर रैश, खुजली या फोड़े-फुंसी
- डायबिटीज, किडनी या लीवर रोग के इतिहास वाले मरीजों में गंध का बार-बार आना
डॉक्टर यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट या अन्य जांच के जरिए सटीक कारण का पता लगा सकते हैं।
निष्कर्ष : मूत्र और पसीने से बदबू: कारण, लक्षण और असरदार घरेलू उपाय
मूत्र और पसीने की बदबू केवल साफ-सफाई की कमी का नतीजा नहीं है। यह शरीर के अंदर चल रही किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। सही खानपान, पर्याप्त पानी, आयुर्वेदिक उपाय और स्वच्छता के साथ इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन अगर गंध बार-बार और असामान्य रूप से आ रही हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर उपाय और जरूरत पड़ने पर डॉक्टरी सलाह आपको स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरा रखेगी।
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