नमस्कार प्यारे माता पिता और प्यारे दोस्तों एवं साथियों जैसा की आप सभी लोग जानते हैं ही होगें बच्चों मे भूख की कमी किस बीमारी से होती है बचपन एक ऐसा समय होता है जब बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास बहुत तेज़ी से होता है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे का आहार संतुलित, पौष्टिक और पर्याप्त मात्रा में हो। लेकिन बहुत से माता-पिता इस बात से परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा खाना नहीं खाता या फिर उसे भूख ही नहीं लगती। ऐसे में सवाल उठता है – बच्चों में भूख की कमी किस बीमारी से होती है?
जैसा की आप सभी जानते हैं की हम अपने पिछले Articles में भी आपको सेहत से जुड़ी अच्छी सलाह देते आए हैं और आज का ये आर्टिकल भी काफी खास होने वाला है तो इसीलिए आप पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहिए।
बच्चों में भूख की कमी के पीछे छिपी बीमारियाँ
1. कृमि संक्रमण (Worm Infestation)
बच्चों के पेट में कीड़े होना एक बेहद आम समस्या है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में या जहाँ स्वच्छता का स्तर कम होता है।
- ये कीड़े आंतों में रहकर खाए गए भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेते हैं।
- इससे बच्चे को भूख कम लगती है, कमजोरी आ जाती है और वज़न नहीं बढ़ता।
- लक्षण: पेट में मरोड़, मल में कीड़े दिखना, नींद में दांत पीसना, गुदा में खुजली।
समाधान: 6 महीने में एक बार डॉक्टर से परामर्श लेकर डिवॉर्मिंग करवाना जरूरी है।
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2. एनीमिया (Anemia) या खून की कमी
- यह स्थिति बच्चों की भूख और ऊर्जा दोनों को प्रभावित करती है।
- बच्चा जल्दी थक जाता है, चिड़चिड़ा हो जाता है और खाना खाने से कतराता है।
- लक्षण: पीली त्वचा, कमजोरी, बार-बार सिर दर्द, नाखून और होंठों का फीका पड़ना।
एनीमिया यानी शरीर में आयरन की कमी से खून का स्तर कम हो जाता है।
समाधान: आयरन युक्त आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, गुड़, चना, मूंगफली आदि देना चाहिए।
3. लीवर की बीमारी (Liver Disorders)
लीवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाने और ऊर्जा में बदलने का काम करता है।
- यदि लीवर सही से काम न करे तो भूख पर सीधा असर पड़ता है।
- लक्षण: हल्का बुखार, उल्टी, थकावट, और खाने में अरुचि।
समाधान: डॉक्टर से जाँच कराकर आवश्यक दवा और आहार योजना पर अमल करें।
4. ट्यूबरकुलोसिस (TB – क्षयरोग)
यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला करती है और अक्सर भूख में कमी लाती है।
- बच्चों में इसका असर कमज़ोरी, लगातार बुखार और वजन गिरने के रूप में दिखता है।
- लक्षण: रात में पसीना आना, लगातार खांसी, भूख न लगना।
समाधान: खून और एक्स-रे की जाँच के बाद इलाज शुरू करना जरूरी होता है। यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है अगर समय पर इलाज हो।
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5. भावनात्मक तनाव और मानसिक कारण
आजकल बच्चों पर भी पढ़ाई का दबाव, पारिवारिक तनाव या सामाजिक डर का असर दिखने लगा है।
- भावनात्मक असंतुलन का सबसे पहला असर उनकी भूख पर पड़ता है।
- बच्चा खाना खाने से मना करता है या खाने के समय चुप रहता है।
समाधान: बच्चे से खुलकर बात करें, उनका मनोबल बढ़ाएं और अगर जरूरत हो तो काउंसलर की मदद लें।
बच्चों में भूख की कमी के अन्य कारण
- बार-बार जंक फूड खाना
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
- गैस या अपच की समस्या
- अधिक टीवी या मोबाइल देखने की आदत
माता-पिता क्या करें? (Effective Tips for Parents)
नियमित दिनचर्या बनाएं:
बच्चों को तय समय पर खाना देना चाहिए। इससे उनकी बॉडी एक रूटीन में आ जाती है और भूख अपने-आप लगने लगती है।
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संतुलित आहार दें:
बच्चों की प्लेट में फल, सब्जियाँ, दालें, दूध और अंडा जैसे पोषक तत्व होने चाहिए।
फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं:
खेल-कूद से बच्चे की पाचन क्रिया बेहतर होती है और भूख भी बढ़ती है।
ज़बरदस्ती न करें:
अगर बच्चा खाना नहीं खा रहा है तो डांटने या मारने के बजाय उसका पसंदीदा हेल्दी विकल्प दें।
समय-समय पर जांच कराएं:
अगर भूख की कमी लगातार बनी हुई है, तो डॉक्टर से जाँच करवा लें। ब्लड टेस्ट और स्टूल टेस्ट से कई बीमारियों का जल्दी पता चल सकता है।

घरेलू उपाय जो बच्चों की भूख बढ़ा सकते हैं
- अजवाइन और गुड़: खाना खाने से पहले थोड़ा सा अजवाइन और गुड़ देने से पाचन ठीक रहता है।
- त्रिफला चूर्ण: आयुर्वेद में त्रिफला को भूख बढ़ाने वाला माना जाता है (डॉक्टर की सलाह से दें)।
- नींबू पानी और पुदीना रस: यह दोनों भूख जगाने में सहायक हैं।
निष्कर्ष :बच्चों में भूख की कमी किस बीमारी से होती है
बच्चों में भूख की कमी सिर्फ एक आम आदत नहीं, बल्कि कई बार यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है। माता-पिता को चाहिए कि वे समय रहते इस पर ध्यान दें और डॉक्टर से परामर्श लें। सही देखभाल और संतुलित आहार से बच्चे की सेहत को सुधारा जा सकता है।
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