हृदय रोगियों को रात में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?

हैलो फ्रेंड जैसा की आप लोग सभी लोग जानते हैं की हृदय रोगियों को रात में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए? जैसे की हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा है हृदय, जो हर पल बिना रुके हमें ज़िंदा रखने का काम करता है. यह खून और ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुंचाता है, जिससे हमारे अंग सही ढंग से काम कर पाते हैं. लेकिन जब इस पर ज़्यादा दबाव पड़ता है या इसे सही पोषण नहीं मिलता, तो तरह-तरह की दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हृदय रोगों से जूझ रहे लोगों को अपने खानपान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए, खासकर रात के खाने का. ऐसा इसलिए है क्योंकि रात का खाना सीधे तौर पर हमारे पाचन, नींद और पूरे हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. अगर रात में हमने कुछ ग़लत खा लिया, तो यह हमारे दिल पर भारी पड़ सकता है.

आओ चलकर हम विस्तार से समझेंगे कि हृदय रोगियों को रात में कौन-कौन सी चीजें खाने से बचना चाहिए और ऐसा क्यों है. साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि रात के लिए कौन-से विकल्प बेहतर हैं और खाने-पीने से जुड़ी किन आदतों को छोड़ना चाहिए.

रात में खाने से बचने योग्य चीजें (हृदय रोगियों के लिए)

रात के समय हमारा मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है और शरीर को ऊर्जा की उतनी ज़रूरत नहीं होती जितनी दिन में होती है. ऐसे में कुछ ख़ास तरह के भोजन हमारे दिल के लिए मुसीबत बन सकते हैं.

1. ज़्यादा तैलीय और तले हुए भोजन

क्यों न खाएं?

तले हुए खाने में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है. ये अनहेल्दी फैट्स हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करते हैं. बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे हमारी धमनियों (खून की नसों) में जमना शुरू हो जाता है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं और खून का बहाव रुकने लगता है. इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है. रात में तला हुआ खाना खाने से इसे पचाना और भी मुश्किल हो जाता है, जिससे पेट में भारीपन, गैस और एसिडिटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, जो दिल पर बेवजह का दबाव डालती हैं.

उदाहरण: पूरी, समोसे, पकौड़े, कटलेट, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, डीप-फ्राइड स्नैक्स.

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2. ज़्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ

क्यों न खाएं?

नमक में सोडियम होता है, जो हमारे शरीर में पानी को रोक कर रखता है. जब शरीर में पानी ज़्यादा जमा होता है, तो खून की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे धमनियों पर दबाव बढ़ता है. यह सीधे तौर पर ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को बढ़ाता है. उच्च रक्तचाप हृदय रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है क्योंकि यह दिल पर लगातार तनाव डालता है और इसे कमज़ोर कर सकता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. रात में ज़्यादा नमक वाला खाना खाने से नींद भी ख़राब हो सकती है.

उदाहरण: नमकीन, अचार, पापड़, पैकेज्ड स्नैक्स, प्रोसेस्ड सूप पाउडर, रेडी-टू-ईट फ़ास्ट फ़ूड, डिब्बाबंद सब्ज़ियां और सॉस.

3. प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड्स

क्यों न खाएं?

आजकल प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड्स की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन ये हमारे दिल के लिए ज़हर से कम नहीं. इनमें अक्सर प्रीज़र्वेटिव्स, कृत्रिम रंग, बहुत ज़्यादा नमक, अनहेल्दी फैट्स (जैसे हाइड्रोजेनेटेड ऑयल्स) और ढेर सारी चीनी डाली जाती है ताकि इनका स्वाद और शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके. ये सभी चीज़ें हमारे हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं. ये सूजन बढ़ाते हैं, कोलेस्ट्रॉल को बिगाड़ते हैं और मोटापे का कारण बनते हैं, जो हृदय रोगों के सबसे बड़े जोखिम कारक हैं.

उदाहरण: इंस्टेंट नूडल्स, पैकेट वाले सूप, बेकरी प्रोडक्ट्स जैसे केक, बिस्कुट, पेस्ट्री, पैकेज्ड ब्रेड, रेडी-टू-कुक मील, डिब्बाबंद जूस.

4. लाल मांस (Red Meat)

क्यों न खाएं?

लाल मांस, जैसे मटन और बीफ, में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज़्यादा होती है. जैसा कि हमने पहले देखा, ये फैट्स शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर धमनियों को ब्लॉक कर सकते हैं. इसके अलावा, लाल मांस में नाइट्रेट जैसे कुछ तत्व भी होते हैं जो दिल के लिए अच्छे नहीं माने जाते. रात में भारी भोजन जैसे लाल मांस को पचाना मुश्किल होता है, जिससे पाचन तंत्र पर अतिरिक्त भार पड़ता है.

उदाहरण: मटन, बीफ, पोर्क.

5. ज़्यादा चीनी वाले पदार्थ

क्यों न खाएं?

आजकल हम जितनी चीनी खाते हैं, उतनी हमारे शरीर को ज़रूरत नहीं होती. ज़्यादा चीनी सिर्फ मोटापा ही नहीं बढ़ाती, बल्कि यह इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 मधुमेह का भी एक बड़ा कारण है. मधुमेह हृदय रोग का एक प्रमुख जोखिम कारक है. इसके अलावा, ज़्यादा चीनी से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है और ट्राइग्लिसराइड्स (एक प्रकार का फैट) का स्तर भी बढ़ जाता है, जो दिल की बीमारियों को न्योता देते हैं. रात में मीठा खाने से ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ता है और फिर गिरता है, जिससे नींद भी डिस्टर्ब हो सकती है.

उदाहरण: मिठाइयाँ, केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम, चॉकलेट, मीठे बिस्कुट, शक्कर युक्त कोल्ड ड्रिंक्स और फलों के जूस (जिनमें अतिरिक्त चीनी हो).

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6. कैफीन युक्त पेय (खासतौर पर रात में)

क्यों न खाएं?

कैफीन एक उत्तेजक है जो हमारे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. रात में कैफीन का सेवन करने से हृदय की धड़कन तेज़ हो सकती है (जिसे पल्पिटेशन भी कहते हैं). यह बेचैनी और घबराहट पैदा कर सकता है, और सबसे ज़रूरी बात, यह आपकी नींद में गंभीर बाधा डालता है. हृदय रोगियों के लिए पर्याप्त और गहरी नींद बेहद ज़रूरी है, क्योंकि नींद की कमी से तनाव हार्मोन बढ़ते हैं और ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे दिल पर तनाव बढ़ता है.

उदाहरण: कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स, ब्लैक टी, चॉकलेट (विशेषकर डार्क चॉकलेट), कुछ सोडा.

7. अत्यधिक मात्रा में भोजन करना

क्यों न करें?

यह सिर्फ़ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि इस पर भी कि आप कितना खा रहे हैं. रात में बहुत ज़्यादा खाना खाने से पाचन तंत्र पर अचानक से भारी दबाव पड़ जाता है. हमारा शरीर भोजन को पचाने के लिए ज़्यादा ऊर्जा लगाता है, जिससे दिल पर भी दबाव महसूस हो सकता है. इससे एसिड रिफ्लक्स (हार्टबर्न) और पेट फूलने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो नींद को ख़राब करती हैं और बेचैनी पैदा करती हैं. रात में कम और हल्का भोजन करना हमेशा फायदेमंद होता है.

8. ठंडा और भारी दूध या डेयरी उत्पाद

क्यों न खाएं?

कुछ लोगों को ठंडा या भारी डेयरी उत्पाद जैसे चीज़ (चीज़), पनीर, क्रीम, या फुल-फैट दूध रात में पचाने में मुश्किल होती है. इनमें फैट की मात्रा भी ज़्यादा होती है, जो दिल की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकती है. अगर आपको लैक्टोज इनटॉलेरेंस है, तो रात में डेयरी उत्पादों का सेवन गैस और पेट की समस्याओं को बढ़ा सकता है, जिससे नींद ख़राब होती है और बेचैनी महसूस होती है.

 रात में खाने का सही समय क्या होना चाहिए?

हृदय रोगियों के लिए रात के खाने का समय भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि क्या खा रहे हैं. सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए. इससे शरीर को भोजन पचाने का पर्याप्त समय मिल जाता है. अगर आप खाने के तुरंत बाद लेट जाते हैं, तो एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन की समस्या हो सकती है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है और नींद में भी दिक्कत आती है. देर से खाना खाने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का स्तर बिगड़ सकता है, जो दिल के लिए ठीक नहीं.

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 रात में क्या खा सकते हैं हृदय रोगी?

अब जब हमने ये समझ लिया कि क्या नहीं खाना चाहिए, आइए जानें कुछ सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प जो रात के भोजन में लिए जा सकते हैं:

  1. उबली हुई या भाप में पकाई सब्ज़ियाँ: जैसे लौकी, तोरई, पालक, गाजर, पत्तागोभी, फूलगोभी. ये फाइबर से भरपूर होती हैं और पचाने में आसान होती हैं. इनमें नमक और तेल का इस्तेमाल न के बराबर करें.
  2. हल्की दाल: जैसे मूंग दाल या मसूर दाल. ये प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं और आसानी से पच जाती हैं. इन्हें कम मसालों और घी के साथ बनाएं.
  3. ब्राउन राइस या खिचड़ी: सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या दलिया से बनी खिचड़ी बेहतर है. इसे हल्के मसालों में बनाएं और ज़्यादा चिकनाई न डालें.
  4. फूलका या मल्टीग्रेन रोटी: बगैर घी या तेल के बनी फूलका रोटी या मल्टीग्रेन आटे से बनी रोटी लें. ये फाइबर में उच्च होती हैं.
  5. सलाद और सूप: ताजे और घर पर बने सलाद (बिना क्रीम या बहुत ज़्यादा ड्रेसिंग के) और सब्जियों का सूप (कम नमक और बिना क्रीम के) रात के लिए बेहतरीन विकल्प हैं.
  6. हेल्दी नट्स (थोड़ी मात्रा में): जैसे बादाम और अखरोट. इनमें हेल्दी फैट्स होते हैं, लेकिन इन्हें बहुत कम मात्रा में लें और रात में खाने से बचें (अगर डॉक्टर ने मना किया हो). ये बेहतर होगा कि दिन में स्नैक के तौर पर लिए जाएं.
  7. गर्म पानी या हर्बल टी: खाने के बाद एक कप गर्म पानी या कोई बिना कैफीन वाली हर्बल टी जैसे कैमोमाइल चाय पाचन में मदद करती है और शरीर को आराम देती है, जिससे नींद अच्छी आती है.

 रात में इन आदतों से भी बचें:

खानपान के अलावा, कुछ आदतें भी हैं जिनसे रात में हृदय रोगियों को बचना चाहिए:

  1. खाने के तुरंत बाद लेटना या सो जाना: यह सबसे आम और हानिकारक आदतों में से एक है. खाने के तुरंत बाद लेटने से एसिडिटी, गैस और हार्टबर्न की समस्या बढ़ सकती है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है और रात की नींद भी ख़राब होती है. खाने और सोने के बीच कम से कम 2-3 घंटे का अंतर रखें.
  2. रात में टीवी देखते हुए या मोबाइल चलाते हुए खाना: इसे “माइंडलेस ईटिंग” कहते हैं. जब हमारा ध्यान टीवी या फ़ोन पर होता है, तो हम इस बात पर ध्यान नहीं दे पाते कि हम कितना खा रहे हैं और अक्सर ज़रूरत से ज़्यादा खा जाते हैं. साथ ही, अनजाने में हम अस्वस्थ चीजें जैसे चिप्स, बिस्कुट भी खा लेते हैं.
  3. थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहना (midnight snacking): रात में बार-बार कुछ खाते रहने से शरीर को भोजन पचाने का समय नहीं मिलता और कैलोरी इंटेक बढ़ जाता है. इससे वज़न बढ़ सकता है, जिससे हृदय पर अनावश्यक दबाव पड़ता है. अगर भूख लगे भी तो कोई हल्का और हेल्दी स्नैक जैसे एक फल या मुट्ठी भर भुने हुए मखाने ले सकते हैं.

 कुछ ज़रूरी सुझाव

  1. पोषण और संतुलन: अपने खाने में स्वाद से ज़्यादा पोषण और संतुलन को महत्व दें. शरीर को सभी ज़रूरी पोषक तत्व मिलने चाहिए, लेकिन सही मात्रा में.
  2. डॉक्टर/डाइटिशियन से सलाह: अपनी डाइट का रूटीन अपने डॉक्टर या एक योग्य डाइटिशियन से ज़रूर चेक कराएं. वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति और ज़रूरतों के हिसाब से सबसे अच्छी सलाह दे सकते हैं.
  3. धीरे-धीरे और चबाकर खाएं: खाना हमेशा धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाएं. इससे पाचन ठीक होता है और आपके दिमाग को संकेत मिलता है कि पेट भर गया है, जिससे आप ज़्यादा खाने से बचते हैं.
  4. पानी का सेवन: दिन भर पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन रात में सोने से ठीक पहले बहुत ज़्यादा पानी पीने से बचें ताकि बार-बार पेशाब के लिए उठना न पड़े और नींद ख़राब न हो.

 निष्कर्ष :हृदय रोगियों को रात में कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?

रात का भोजन केवल पेट भरने के लिए नहीं होता, यह हमारे पूरे स्वास्थ्य पर असर डालता है, खासकर अगर आप हृदय रोगी हैं. रात में सही भोजन का चुनाव आपके दिल की सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है. ऐसे में तला-भुना, नमक-चीनी से भरा, या प्रोसेस्ड खाना लेने से बचना चाहिए. इसके बजाय, हल्का, सुपाच्य और पोषण से भरपूर खाना चुनना हृदय के लिए सबसे फायदेमंद होता है.

याद रखें: “रात का सही भोजन, दिल की सबसे अच्छी देखभाल है.” अपने दिल का ख़्याल रखें, क्योंकि यह है तो सब है! क्या आप आज रात अपने डिनर प्लान में कोई बदलाव करने वाले हैं?

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