नमस्कार दोस्तों और साथियों जैसा की आप सभी लोग जाते हैं की बच्चों के लिए विटामिन्स और सप्लीमेंट्स: कौन सा मल्टीविटामिन बच्चों के लिए सही है? जैसे की बचपन एक ऐसा समय होता है जब शरीर और दिमाग दोनों तेजी से विकास करते हैं। इस समय पोषण की जरूरत भी अधिक होती है, ताकि हड्डियाँ मजबूत बनें, इम्यून सिस्टम विकसित हो और संज्ञानात्मक क्षमता बेहतर हो। हालांकि संतुलित आहार सबसे ज़रूरी होता है, लेकिन कई बार बच्चों की पोषण की ज़रूरतें सिर्फ खाने से पूरी नहीं हो पातीं। ऐसे में मल्टीविटामिन और सप्लीमेंट्स मददगार साबित हो सकते हैं।
हम जानेंगे कि बच्चों के लिए मल्टीविटामिन कब ज़रूरी होते हैं, कौन-कौन से विटामिन्स जरूरी होते हैं और बाजार में उपलब्ध अच्छे मल्टीविटामिन विकल्प कौन से हैं।
सभी Parents को मेरा नमस्कार जैसा की आप जानते हैं की बच्चों के लिए हमेशा से ही आपको “HealthySamaj.com” पर रोजाना Healthy Tipps मिलती आ रही हैं तो आज भी इस पोस्ट मे हम आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं तो इसीलिए आप अंत तक जरूर बने रहिए। आपका भरोसा ही हमारे लिए प्रोत्साहन है।

1. बच्चों को मल्टीविटामिन देने की ज़रूरत कब होती है?
हर बच्चे को मल्टीविटामिन की जरूरत नहीं होती। लेकिन कुछ स्थितियों में डॉक्टर की सलाह से मल्टीविटामिन देना फायदेमंद हो सकता है:
- बच्चा बहुत कम खाता है या खाने में बहुत नखरे करता है
- शारीरिक या मानसिक विकास उम्र के हिसाब से धीमा है
- बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है
- शाकाहारी या वेगन डाइट फॉलो करता है
- किसी मेडिकल कंडीशन के कारण पोषण की कमी है
- डॉक्टर ने किसी विशेष विटामिन की कमी पाई है
2. बच्चों के लिए ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स
बच्चों की ग्रोथ और हेल्थ के लिए कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से पोषक तत्व जरूरी हैं:
विटामिन A:
हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक विटामिन है जो मुख्य रूप से आँखों की रोशनी बनाए रखने ,त्वचा को स्वस्थ रखने और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने मे मदद करता है यह दो रूप मे पाया जाता है:रेटिनल (जानवरों से प्राप्त ) और कैरोटीनायड्स (पौधों से प्राप्त। गाजर ,शकरकंद, पालक, पपीता, अंडे और दूध विटामिन A के अच्छे स्रोत हैं। इसकी पर्याप्त मात्रा शरीर को संक्रमण से लड़ने मे सहायक हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक विटामिन है जो मुख्य रूप से आँखों की रोशनी बनाए रखने ,त्वचा को स्वस्थ रखने और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने मे मदद करता है यह दो रूप मे पाया जाता है:रेटिनल (जानवरों से प्राप्त ) और कैरोटीनायड्स (पौधों से प्राप्त। गाजर ,शकरकंद, पालक, पपीता, अंडे और दूध विटामिन A के अच्छे स्रोत हैं। इसकी पर्याप्त मात्रा शरीर को संक्रमण से लड़ने मे सहायक बनाती है हाड़ियों के विकास मे भी योगदान देती है। विटामिन A की कमी से रतौंधी (नाइट ब्लाइंडनेस ),त्वचा की समस्याएं और रोग प्रतिरोधक क्षमता मे गिरावट हो सकती है।
जैसे:
- दृष्टि, त्वचा और इम्यून सिस्टम के लिए ज़रूरी
- दूध, गाजर, पपीता, और हरी सब्ज़ियों में पाया जाता है
यह भी जानें-बच्चा रात में दूध पीकर सोना चाहिए या नहीं? पूरी जानकारी
विटामिन B ग्रुप (B1, B2, B6, B12, फोलेट, नायसिन आदि):
विटामिन B ग्रुप में कई प्रकार के विटामिन शामिल होते हैं जैसे B1 (थायमिन), B2 (राइबोफ्लेविन), B3 (नायसिन), B6 (पाइरिडॉक्सिन), B12 (स्यानोकोबालमिन) और फोलेट (फोलिक एसिड)। ये सभी विटामिन मिलकर शरीर के ऊर्जा उत्पादन, तंत्रिका तंत्र के सुचारू संचालन, रक्त निर्माण और कोशिकाओं की मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विटामिन B1 कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में सहायक है, B2 त्वचा और आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, B3 कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण और पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है, B6 मस्तिष्क के विकास और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जबकि B12 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और तंत्रिका तंत्र के लिए जरूरी होता है। फोलेट भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण होता है। विटामिन B ग्रुप की कमी से थकान, कमजोरी, चक्कर आना, याददाश्त की कमी और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह विटामिन समूह अंडे, मांस, मछली, दूध, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियों और साबुत अनाज में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
जैसे :
- ऊर्जा उत्पादन, मस्तिष्क विकास और ब्लड फॉर्मेशन के लिए जरूरी
- अंडे, दूध, साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ और फल
विटामिन C:
विटामिन C, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहते हैं, हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाता है। विटामिन C से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, त्वचा में कोलेजन बनने में मदद मिलती है, घाव जल्दी भरते हैं और हड्डियाँ व मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं। यह फल और सब्जियों जैसे नींबू, संतरा, आंवला, अमरूद, कीवी, पपीता और हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन C की कमी से स्कर्वी नामक बीमारी हो सकती है जिसमें मसूड़ों से खून आना, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं। इसलिए रोजाना के भोजन में विटामिन C युक्त चीजों को शामिल करना जरूरी होता है।
जैसे :
- इम्यूनिटी बढ़ाने और घाव भरने में सहायक
- संतरा, आंवला, टमाटर, नींबू आदि में भरपूर
विटामिन D:
विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है, जो मुख्यतः हड्डियों की मजबूती और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। इसे “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है क्योंकि सूरज की किरणों से हमारी त्वचा विटामिन D बनाती है। इसकी कमी से हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं और रिकेट्स, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन D इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है और मूड सुधारने में मदद करता है। इसे सूरज की रोशनी के अलावा अंडे की जर्दी, मछली, फोर्टिफाइड दूध और सप्लीमेंट्स से भी प्राप्त किया जा सकता है।
जैसे:
- हड्डियों और दाँतों की मजबूती के लिए जरूरी
- धूप से मिलता है, साथ ही सप्लीमेंट में भी आवश्यक हो सकता है
विटामिन E:
विटामिन E हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही जरूरी एंटीऑक्सीडेंट है। ये हमारी कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है और कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है। खासकर त्वचा और बालों के लिए विटामिन E को बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह त्वचा को नमी देता है, झुर्रियों को कम करता है और घाव भरने में मदद करता है। इसके अलावा ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। हम इसे बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, और हरी पत्तेदार सब्जियों से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
जैसे:
- कोशिकाओं की सुरक्षा और त्वचा के लिए जरूरी
- बादाम, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज
यह भी जानें-कौन सा तेल बच्चों की मालिश के लिए बेस्ट है?
कैल्शियम:
कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक ऐसी चीज है जिसके बिना हड्डियों और दांतों की मजबूती की कल्पना भी नहीं की जा सकती। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक इसकी जरूरत हमेशा बनी रहती है। हड्डियों के विकास से लेकर मांसपेशियों के सही तरीके से काम करने, दिल की धड़कन को सामान्य रखने और नर्वस सिस्टम के संचालन में भी कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और ड्राय फ्रूट्स में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए रोज़ाना के खाने में इसे शामिल करना बहुत जरूरी है।
जैसे:
- हड्डियों और दांतों के विकास के लिए मुख्य
- दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ
आयरन:
आयरन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी मिनरल है, खासकर खून बनाने के लिए। ये शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो हमारे खून के जरिए पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है। अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो थकान, चक्कर आना, सिर दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं आने लगती हैं, जिसे हम एनीमिया भी कहते हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों में इसकी कमी ज़्यादा देखी जाती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़, अनार, बीन्स, ड्राय फ्रूट्स और रेड मीट आयरन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। इसलिए आयरन से भरपूर चीजें रोज के खाने में शामिल करना बहुत जरूरी है ताकि शरीर हमेशा एक्टिव और स्वस्थ बना रहे।
जैसे:
- खून में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए ज़रूरी
- पालक, अनार, गुड़, चुकंदर
जिंक:
जिंक एक ऐसा मिनरल है जिसकी हमें थोड़ी मात्रा में तो जरूरत होती है, लेकिन इसका काम हमारे शरीर में बहुत बड़ा होता है। ये हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने से लेकर घाव जल्दी भरने, बालों की ग्रोथ बढ़ाने और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा जिंक शरीर में एंजाइम्स के काम करने में भी अहम भूमिका निभाता है। अगर इसकी कमी हो जाए तो बार-बार बीमार पड़ना, घाव देर से भरना, बाल झड़ना और स्किन प्रॉब्लम्स जैसी परेशानियां हो सकती हैं। दालें, बीज, नट्स, अंडे, मांस और समुद्री भोजन जिंक के अच्छे स्रोत हैं। इसलिए अपनी डाइट में जिंक से भरपूर चीजों को शामिल करना हमेशा फायदेमंद रहता है।
जैसे:
- इम्यून सिस्टम और घाव भरने में सहायता करता है
- साबुत अनाज, दालें, दूध
3. बच्चों के लिए मल्टीविटामिन चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें?
बाजार में बच्चों के लिए कई प्रकार के मल्टीविटामिन उपलब्ध हैं। लेकिन सही सप्लीमेंट चुनते समय नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- उम्र के अनुसार हो – 1-3 साल, 4-8 साल और 9-13 साल के बच्चों के लिए अलग डोज होती है।
- स्वाभाविक रूप से मिठास हो – चीनी की मात्रा कम हो और आर्टिफिशियल फ्लेवरिंग न हो।
- FSSAI या WHO अप्रूव्ड ब्रांड हो – ताकि सेफ्टी और गुणवत्ता बनी रहे।
- चेवेबल या लिक्विड फॉर्म हो – छोटे बच्चों को गोली निगलने में दिक्कत होती है
- डॉक्टर की सलाह से दें – खुद से कभी भी डोज न बढ़ाएं या सप्लीमेंट न शुरू करें
1. PediaSure (एबॉट)
- उम्र: 2 साल से ऊपर
- स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर
- इम्यूनिटी, ग्रोथ और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए
यह भी जानें-बच्चों के लिए बिना तेल वाली रेसिपी?
2. Zincovit Drops / Syrup
4. बाजार में मिलने वाले कुछ अच्छे मल्टीविटामिन ब्रांड्स
- डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब किया जाता है
- मल्टीविटामिन के साथ ज़िंक और आयरन भी
- भूख बढ़ाने और इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद
3. HealthKart HK Vitals Kids Multivitamin Gummies
- 4 साल से ऊपर के बच्चों के लिए
- आकर्षक शेप और स्वाद में
- 20+ विटामिन्स और मिनरल्स
4. Groviva Nutritional Supplement
- प्रोटीन, ओमेगा-3, विटामिन और फाइबर युक्त
- बच्चों की ग्रोथ में मदद करता है
5. Revital H Kidz
- इम्यून बूस्टिंग, मस्तिष्क विकास और हड्डियों के लिए उपयोगी
- 4 साल और उससे ऊपर के बच्चों के लिए
5. मल्टीविटामिन देने के सही तरीके
- नाश्ते के बाद दें – विटामिन्स को सही से पचाने के लिए भोजन के बाद देना बेहतर होता है
- नियमित समय तय करें – जैसे हर दिन सुबह 9 बजे
- डोज ओवर न करें – अधिक मात्रा में देना नुकसानदायक हो सकता है
- बच्चों को ज़बरदस्ती न दें – उन्हें चबाने वाले या स्वादिष्ट विकल्प दें
- इंटरवल में चेक कराते रहें – हर 3-6 महीने में डॉक्टर से सलाह लें
6. क्या मल्टीविटामिन के कोई साइड इफेक्ट होते हैं?
यदि सही मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से दिए जाएं तो बच्चों के लिए मल्टीविटामिन आमतौर पर सुरक्षित होते हैं। लेकिन कुछ बच्चों में नीचे दिए गए लक्षण दिख सकते हैं:
- पेट दर्द या उल्टी
- भूख में कमी
- कब्ज या दस्त
- एलर्जी (बहुत दुर्लभ)
यदि ऐसा कुछ भी दिखाई दे तो सप्लीमेंट बंद कर दें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

7. मल्टीविटामिन से बेहतर विकल्प: संतुलित आहार
मल्टीविटामिन एक सप्लीमेंट है, विकल्प नहीं। इसका मतलब है कि अगर बच्चे की डाइट सही है, तो सप्लीमेंट की जरूरत बहुत कम हो जाती है। बच्चों की थाली में ये चीज़ें ज़रूर शामिल करें:
- दूध और दूध से बने उत्पाद
- फल और सब्जियाँ (रंग-बिरंगी)
- दालें, अंकुरित अनाज और नट्स
- साबुत अनाज – रोटी, दलिया, ब्राउन राइस
- अंडे या सोया उत्पाद (यदि वेगन)
- सप्ताह में 1-2 बार ड्राईफ्रूट्स
निष्कर्ष (Conclusion): बच्चों के लिए विटामिन्स और सप्लीमेंट्स: कौन सा मल्टीविटामिन बच्चों के लिए सही है?
बच्चों के पोषण को लेकर हर माता-पिता की चिंता स्वाभाविक है। अगर बच्चे का खाना पूरा पोषण नहीं दे पा रहा, तो डॉक्टर से सलाह लेकर सही मल्टीविटामिन देना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन हमेशा यह ध्यान रखें कि मल्टीविटामिन केवल एक सहायक है, मूल पोषण का आधार हमेशा घर का ताजा और संतुलित खाना ही होना चाहिए।
अगर आप किसी भी मल्टीविटामिन को शुरू करने की सोच रहे हैं, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से एक बार सलाह जरूर लें। बच्चों की सेहत से समझौता न करें और उन्हें एक मजबूत भविष्य की ओर ले जाएं।
अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें : HealthySamaj.com
Pingback: तेजी से कैल्शियम कैसे बढ़ाएं?