नमस्कार दोस्तों और साथियों जैसा की आप सभी लोग जानते हैं की बच्चे ना होने पर क्या करना चाहिए ! शादी के बाद हर दंपत्ति की ये ख्वाहिश होती है कि उनके घर भी बच्चे की किलकारी गूंजे। लेकिन कई बार लंबे समय तक कोशिश करने के बावजूद संतान नहीं हो पाती, जिससे परिवार और मन में निराशा बढ़ने लगती है। बच्चे ना हो तो क्या करें?
पर चिंता की कोई बात नहीं। आज के दौर में इलाज, देसी उपाय और मेडिकल तकनीकों की मदद से संतान प्राप्ति संभव है।
जैसा की आप सभी जानते हैं की हम अपने पिछले Articles में भी आपको सेहत से जुड़ी अच्छी सलाह देते आए हैं और आज का ये आर्टिकल भी काफी खास होने वाला है तो इसीलिए आप पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहिए।
इस लेख में जानिए:
बांझपन (infertility) के कारण, घरेलू उपाय, मेडिकल इलाज, आयुर्वेदिक उपाय और कब डॉक्टर के पास जाएं।
1. सबसे पहले समझें – बांझपन होता क्या है?
अगर कोई महिला 1 साल तक बिना किसी गर्भनिरोधक उपाय के नियमित संबंध बनाने के बावजूद गर्भधारण नहीं कर पा रही है, तो इसे “बांझपन” या Infertility कहा जाता है।
महिला की उम्र 35 से अधिक हो तो यह समय 6 महीने मानते हैं।

2. बच्चे न होने के कारण – पुरुष और महिला दोनों में हो सकते हैं
महिलाओं में कारण:
अनियमित पीरियड्स या ओवुलेशन न होना
PCOD/PCOS की समस्या
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
थायरॉइड या हार्मोनल गड़बड़ी
बहुत अधिक या बहुत कम वजन
पुरुषों में कारण:
Low Sperm Count (शुक्राणु की संख्या कम होना)
शुक्राणु की गुणवत्ता खराब होना
नशे की आदतें (धूम्रपान, शराब, तंबाकू)
पुरानी बीमारियाँ जैसे मम्प्स, हाई फीवर, आदि
यह भी जानें-छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य के टिप्स?
3. क्या करें? – सबसे पहले जांच करवाएं
बिना देर किए पति-पत्नी दोनों को डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
इन्फर्टिलिटी केवल महिला की समस्या नहीं होती, 40-50% मामलों में पुरुषों में भी कारण होता है।
ज़रूरी जांचें:
महिलाओं के लिए – हार्मोन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, ओवुलेशन ट्रैकिंग, HSG
पुरुषों के लिए – सीमेन एनालिसिस, हार्मोन लेवल टेस्ट
4. डॉक्टर क्या सलाह देंगे?
डॉक्टर पहले आपकी सभी रिपोर्ट्स देखेंगे। उसके आधार पर ये फैसले होते हैं:
हार्मोनल दवाएं देना
ओवुलेशन बढ़ाना
शुक्राणु की संख्या सुधारने वाली दवाएं
समय पर संबंध बनाने की सलाह
5. जीवनशैली में बदलाव करें
कई बार सिर्फ लाइफस्टाइल सुधारने से भी गर्भधारण में मदद मिलती है।
कुछ ज़रूरी बदलाव:
1. सही खानपान अपनाएं – पौष्टिक आहार लें, जंक फूड और सोडा से दूर रहें।
2. वजन संतुलित रखें – मोटापा या बहुत पतलापन दोनों नुकसानदायक हैं।
3. तनाव को कम करें – तनाव से ओवुलेशन और स्पर्म प्रॉडक्शन प्रभावित होता है।
4. नियमित व्यायाम करें – योग, प्राणायाम, मॉर्निंग वॉक फायदेमंद है।
5. नशे से दूर रहें – शराब, धूम्रपान और ड्रग्स प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं।
यह भी जानें- 30 के बाद महिलाओं की सेहत: कैसे रखें खुद का ध्यान?
6. आयुर्वेदिक और देसी उपाय
भारत में सदियों से आयुर्वेद और देसी नुस्खों से भी संतान प्राप्ति के उपाय किए जाते रहे हैं।
महिलाओं के लिए:
शतावरी – प्रजनन क्षमता बढ़ाती है
अशोक चूर्ण – हार्मोन संतुलन में मददगार
गिलोय और त्रिफला – शरीर की सफाई और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाते हैं
पुरुषों के लिए:
अश्वगंधा – वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार
कौंच बीज चूर्ण – स्पर्म काउंट और मूवमेंट बेहतर करता है
सफ़ेद मूसली – कामशक्ति बढ़ाता है
इन दवाओं को किसी योग्य वैद्य की सलाह से लें।
7. मेडिकल इलाज के विकल्प
अगर देसी उपाय और दवाओं से बात न बने, तो मेडिकल ट्रीटमेंट से भी बच्चे की उम्मीद की जा सकती है।
कुछ प्रमुख तकनीकें:
1. Ovulation Induction
महिलाओं को दवा दी जाती है ताकि अंडाणु का निर्माण ठीक से हो सके।
2. IUI (Intrauterine Insemination)
पति के शुक्राणु को प्रोसेस करके महिला के गर्भाशय में डाला जाता है।
3. IVF (In Vitro Fertilization)
जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी कहते हैं। अंडाणु और शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाते हैं और गर्भाशय में रखते हैं।
4. ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection)
एक-एक शुक्राणु को अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है। यह तब होता है जब पुरुष की तरफ से ज्यादा दिक्कत हो।
यह भी जानें-गर्भावस्था में क्या खाएं? – एक पूरी गाइड
8. मानसिक सहयोग बहुत ज़रूरी है
दंपति को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए, एक-दूसरे पर दोष ना डालें।
बच्चे ना होना कोई शर्म की बात नहीं, यह एक मेडिकल स्थिति है।
सकारात्मक सोच और धैर्य रखें, आजकल लगभग हर समस्या का समाधान मौजूद है।
9. कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?
अगर 12 महीने से कोशिश के बाद भी गर्भ नहीं ठहरा है (महिला की उम्र 35 से कम है)
या 6 महीने तक कोशिश के बाद भी (महिला की उम्र 35+ हो)
पहले से कोई पीरियड या शुक्राणु संबंधी दिक्कत हो
तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।

10. वैकल्पिक विकल्प भी खुले रखें
अगर सारे उपायों के बाद भी संतान नहीं होती, तो विकल्प मौजूद हैं:
एडॉप्शन (गोद लेना)
सरोगेसी (किराये की कोख)
Donor Egg या Sperm से IVF
इनमें से कोई भी रास्ता गलत नहीं है। आप माता-पिता बन सकते हैं।
निष्कर्ष :बच्चे ना हो तो क्या करें?
बच्चे का ना होना कोई दोष नहीं, बल्कि एक मेडिकल समस्या है जिसका इलाज संभव है।
सही समय पर जांच, डॉक्टर की सलाह, जीवनशैली सुधार, आयुर्वेदिक उपाय और आधुनिक तकनीक – ये सभी मिलकर संतान प्राप्ति का रास्ता खोल सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें : HealthySamaj.com
Pingback: बांझपन दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय? - हेल्थी समाज
Pingback: कैल्शियम की पूर्ति कैसे करें|| आसान घरेलू तरीके? - हेल्थी समाज