नमस्कार दोस्तों जैसा की आप लोग सभी लोग जानते हैं की बच्चा रात में दूध पीकर सोना चाहिए या नहीं? जैसे की हर माता-पिता अपने बच्चे की नींद और पोषण को लेकर चिंतित रहते हैं। खासतौर पर एक सवाल जो बार-बार आता है – क्या बच्चे को रात में दूध पिलाकर सुलाना चाहिए? कुछ लोग मानते हैं कि इससे बच्चा शांत नींद लेता है, वहीं कुछ कहते हैं कि ये आदत लंबे समय में नुकसानदायक हो सकती है। हम आपको बताएंगे कि किस उम्र में क्या करना सही है, कब दूध देना फायदेमंद है और कब नुकसान हो सकता है।
सभी Parents को मेरा नमस्कार जैसा की आप जानते हैं की बच्चों के लिए हमेशा से ही आपको “HealthySamaj.com” पर रोजाना *Healthy Tips* मिलती आ रही हैं तो आज भी इस पोस्ट मे हम आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं तो इसीलिए आप अंत तक जरूर बने रहिए। आपका भरोसा ही हमारे लिए प्रोत्साहन है।
1. शिशु की उम्र के अनुसार जरूरतें
0 से 6 महीने तक के नवजात
नवजात शिशु का पेट बहुत छोटा होता है और उसकी पाचन क्रिया भी धीरे-धीरे विकसित होती है। इसलिए उसे हर 2-3 घंटे में दूध पिलाना जरूरी होता है – चाहे दिन हो या रात। रात में दूध पिलाने से शिशु को ज़रूरी पोषण मिलता है और उसका विकास सही होता है।
इस उम्र के बच्चों के लिए रात का दूध न केवल ज़रूरी है बल्कि अनिवार्य भी है। इस समय मां का दूध सबसे अधिक पौष्टिक होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।

6 महीने से 1 साल तक
इस उम्र तक बच्चे को धीरे-धीरे ठोस आहार दिया जाने लगता है, जैसे दाल का पानी, खिचड़ी, फलों की प्यूरी आदि। फिर भी दूध मुख्य भोजन बना रहता है। सोने से पहले एक बार दूध देना एक अच्छी आदत मानी जा सकती है। इससे बच्चे को गहरी नींद आती है और भूख से नींद नहीं टूटती।
हालाँकि, इस उम्र में बार-बार रात में उठकर दूध पिलाना एक आदत बन सकती है। इसलिए एक या दो बार तक सीमित रखना चाहिए।
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1 साल से अधिक उम्र के बच्चे
1 साल से ऊपर के बच्चों को रात में दूध की आवश्यकता कम हो जाती है, यदि उन्हें दिन भर पर्याप्त पोषण मिल रहा हो। इस उम्र के बाद अगर बच्चा हर बार जागकर दूध की मांग करता है तो यह केवल भावनात्मक आदत बन जाती है, पोषण की जरूरत नहीं।
बड़ा बच्चा अगर भूखा नहीं है तो केवल दूध के लिए जागना उसकी नींद और स्वास्थ्य दोनों पर असर डाल सकता है।
2. रात में दूध देने के फायदे
रात में दूध पिलाने के कुछ फायदे भी हैं, खासकर अगर इसे सीमित मात्रा में और सही समय पर दिया जाए।
बेहतर नींद में मदद
गुनगुना दूध नींद को प्रमोट करने वाले तत्व ट्रिप्टोफैन और कैल्शियम से भरपूर होता है। बच्चे को दूध पिलाने से वह शांत होता है और नींद जल्दी आती है।
भूख से नींद न टूटे
रात में दूध देने से बच्चा आधी रात को भूख के कारण नहीं जागता। इससे उसकी नींद पूरी होती है और विकास में सहायता मिलती है।
पोषण की आपूर्ति
दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हड्डियों और दिमागी विकास में सहायक होते हैं।
3. रात में दूध देने के नुकसान
जब यह आदत जरूरत से ज़्यादा हो जाती है, तब कुछ नकारात्मक प्रभाव भी सामने आ सकते हैं।
दांतों की सड़न (Tooth Decay)
अगर बच्चा दूध पीकर बिना मुंह साफ किए या बिना ब्रश किए सो जाता है, तो दूध में मौजूद शुगर दांतों पर जम जाता है और धीरे-धीरे सड़न पैदा करता है। इसे “बॉटल कैरीज” कहते हैं।
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बार-बार उठने की आदत
जब बच्चा हर बार जागने पर दूध की अपेक्षा करता है, तो यह नींद में रुकावट बन जाती है और बच्चा खुद से दोबारा सोने की आदत नहीं बना पाता।
पाचन तंत्र पर असर
रात में पेट पर दूध का दबाव अधिक पड़ सकता है, जिससे गैस, उल्टी, अपच जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, खासकर अगर बच्चा लेटते ही दूध पी ले।
4. कब ना दें रात में दूध?
कुछ स्थितियों में रात में दूध न देना ही बेहतर होता है। जैसे:
- बच्चा 1 साल से बड़ा है और दिन भर पर्याप्त आहार लेता है।
- बच्चा अब पूरे दांत निकाल चुका है और दूध पीने के बाद ब्रश नहीं करता।
- अगर बच्चा बार-बार उठकर सिर्फ दूध की मांग करता है।
- जब बच्चा बिना दूध के भी आसानी से सो सकता है।
इन हालातों में दूध की जगह आरामदायक स्लीप रूटीन देना ज्यादा फायदेमंद होगा।
5. दूध पिलाने का सही तरीका
यदि आप बच्चे को रात में दूध पिलाना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
सोने से 20-30 मिनट पहले पिलाएं
दूध पिलाने और सोने के बीच थोड़ा अंतर रखें ताकि बच्चा दूध पीकर सीधे न लेटे।
गुनगुना दूध दें
गुनगुना दूध बच्चे को सुकून देता है और पाचन में मदद करता है।
बोतल से नहीं, कप या ग्लास से दें
बोतल से दूध देने से दांतों पर असर पड़ता है और आदत भी बन जाती है। कप या छोटा ग्लास बेहतर विकल्प है।
दूध के बाद मुंह धोना जरूरी
दूध पीने के बाद ब्रश करवाना या कम से कम मुंह साफ करना जरूरी है ताकि दांत सुरक्षित रहें।
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6. रात के दूध की आदत कैसे छुड़ाएं?
यदि बच्चा आदतन रात में दूध मांगता है और आप उसे छुड़ाना चाहते हैं, तो ये उपाय अपनाएं:
धीरे-धीरे मात्रा कम करें
एकदम से दूध बंद न करें, बल्कि मात्रा और फ्रीक्वेंसी धीरे-धीरे घटाएं।
दूध की जगह पानी दें
अगर बच्चा नींद में दूध मांगता है, तो आप थोड़ा गुनगुना पानी दे सकते हैं।
दिन में भरपूर पोषण दें
अगर दिन में भरपूर आहार मिलेगा, तो रात में दूध की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
सोने की रूटीन बनाएं
हर रात एक जैसे समय पर लोरी, कहानी या हेड मसाज जैसे एक्टिविटी से सुलाएं।

धीरे-धीरे समय बढ़ाएं
अगर बच्चा हर 3 घंटे में जागता है तो समय को धीरे-धीरे बढ़ाएं और दूध की जगह प्यार से थपकी दें।
निष्कर्ष: बच्चा रात में दूध पीकर सोना चाहिए या नहीं? पूरी जानकारी
बच्चे की उम्र, शारीरिक ज़रूरत और आदतों को देखकर ही निर्णय लेना चाहिए कि उसे रात में दूध देना चाहिए या नहीं। 0 से 1 साल की उम्र तक तो यह ज़रूरी होता है, लेकिन उसके बाद यह एक आदत बन सकती है, जो भविष्य में हानिकारक साबित हो सकती है।
अगर बच्चा 1 साल से ऊपर है, ठीक से खाना खा रहा है और फिर भी रात में कई बार दूध के लिए उठता है, तो यह संकेत है कि अब यह आदत सुधारने का समय है।
सोने से पहले एक बार दूध देना कोई बुरा विचार नहीं है, लेकिन उसे नींद का सहारा न बनने दें। प्यार, आदत और सही रूटीन से आप बच्चे को स्वस्थ और बेहतर नींद का तोहफा दे सकते हैं।
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