आजकल की दौड़-भाग वाली ज़िंदगी में हर माता-पिता की यही कोशिश होती है कि उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ और स्मार्ट बने। लेकिन सिर्फ पेट भर खाना खिलाने से यह मुमकिन नहीं होता। सही पोषण, खासकर प्रोटीन, बच्चों की हेल्दी ग्रोथ का सबसे अहम हिस्सा होता है। यही वजह है कि आज के समय में हर पेरेंट्स के मन में एक सवाल बार-बार आता है बच्चों को प्रोटीन कैसे दें ? क्या दूध और दाल से उनकी जरूरत पूरी हो जाती है? या फिर कोई स्पेशल तरीका अपनाना पड़ता है? आइए इस जरूरी विषय को पूरी विस्तार से समझते हैं।

बच्चों के लिए प्रोटीन क्यों जरूरी होता है?
प्रोटीन हमारे शरीर के हर सेल का बिल्डिंग ब्लॉक होता है। खासकर बच्चों के लिए यह और भी अहम हो जाता है क्योंकि उनका शरीर लगातार बढ़ रहा होता है। हड्डियों का विकास, मांसपेशियों की मजबूती, ब्रेन डेवलपमेंट, इम्यून सिस्टम और एनर्जी लेवल – इन सब चीजों के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है। अगर बच्चे को नियमित रूप से प्रोटीन नहीं मिलेगा, तो उसकी ग्रोथ धीमी हो सकती है और बार-बार बीमार भी पड़ सकता है।
बच्चों को प्रोटीन कैसे दें? जवाब आपके किचन में ही है
बहुत से लोग समझते हैं कि प्रोटीन सिर्फ नॉन-वेज फूड में ही होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। “बच्चों को प्रोटीन कैसे दें?” इसका जवाब हमारे किचन में छिपा है – दालें, दूध, दही, पनीर, अंडा, मूंगफली, सोया, बीन्स और ड्राई फ्रूट्स जैसे फूड्स बहुत अच्छे स्रोत हैं। अगर आप हर दिन के खाने में इनका संतुलन बनाएं, तो बच्चा अपनी जरूरत भर प्रोटीन आसानी से ले सकता है।
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बच्चे को पूरे दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें प्रोटीन
एक और जरूरी बात यह है कि प्रोटीन को एक बार में देने से ज्यादा फायदेमंद होता है अगर उसे पूरे दिन में छोटे-छोटे हिस्सों में दिया जाए। सुबह के नाश्ते में दूध या अंडा, दोपहर में दाल या पनीर की सब्जी, शाम को मूंग दाल का चीला और रात को हल्का प्रोटीन युक्त खाना – यह रूटीन बच्चों के लिए बेहतरीन होता है। इससे न सिर्फ उन्हें प्रोटीन मिलेगा बल्कि उनकी पाचन क्रिया भी सही बनी रहेगी।
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शाकाहारी बच्चों के लिए भी भरपूर ऑप्शन हैं
अगर आपका बच्चा शुद्ध शाकाहारी है तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। दूध, पनीर, दालें, सोया, राजमा, छोले, स्प्राउट्स और बादाम जैसे फूड्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं और ये बच्चे की डेली न्यूट्रिशन जरूरत को आराम से पूरा कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आप इन चीजों को टेस्टी और किड्स फ्रेंडली तरीके से बनाएं ताकि बच्चा खुद से खाने में रुचि दिखाए।
क्या बच्चों को प्रोटीन पाउडर देना चाहिए?
ये सवाल भी अक्सर पूछा जाता है – क्या हमें बच्चों को प्रोटीन सप्लीमेंट या शेक देना चाहिए? इसका सीधा जवाब है – नहीं, जब तक डॉक्टर की सलाह न हो। अगर बच्चा संतुलित भोजन ले रहा है, तो अलग से प्रोटीन पाउडर की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर बच्चा बहुत दुबला-पतला है, या खाना नहीं खा रहा है, तो डॉक्टर के कहने पर स्पेशल बच्चों के लिए बने प्रोटीन सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं। याद रखें कि बिना सलाह के कोई भी रेडीमेड प्रोटीन प्रोडक्ट न दें।
बच्चों को स्वादिष्ट तरीके से प्रोटीन कैसे दें?
बच्चों को वही खाना पसंद आता है जो देखने में अच्छा लगे और स्वाद में बढ़िया हो। इसलिए जरूरी है कि आप उनके प्रोटीन फूड को दिलचस्प बनाएं। जैसे – दाल को सादी न बनाकर उसका चीला बनाएं, दूध को शेक या स्मूदी में बदलें, पनीर का पराठा या सैंडविच बनाएं। ये चीजें न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं बल्कि बच्चे को भी पसंद आती हैं। जब खाना अच्छा लगेगा, तो प्रोटीन भी खुद ब खुद मिल जाएगा और बार-बार बच्चों को प्रोटीन कैसे दें ? ये सवाल भी नहीं सताएगा।

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स्कूल टिफिन में भी रखें प्रोटीन से भरपूर चीजें
बच्चों का दिन स्कूल में निकलता है, तो उनका टिफिन भी हेल्दी होना चाहिए। हर रोज उनके लंच बॉक्स में कुछ न कुछ प्रोटीन वाला जरूर रखें – जैसे पनीर रोल, दाल के पकोड़े, अंडे का सैंडविच, राजमा रोटी, स्प्राउट्स सलाद आदि। इससे बच्चा दिनभर एनर्जेटिक रहेगा और पढ़ाई में भी उसका फोकस बना रहेगा।
कितनी मात्रा में देना चाहिए प्रोटीन?
यह सवाल भी पेरेंट्स के मन में होता है कि कितना प्रोटीन देना चाहिए? सामान्यत: बच्चों को उनके वजन के हिसाब से रोजाना 1 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो वज़न चाहिए। जैसे अगर बच्चा 20 किलो का है, तो उसे लगभग 20 ग्राम प्रोटीन रोजाना चाहिए। लेकिन ये आंकड़ा बच्चे की उम्र, एक्टिविटी लेवल और हेल्थ कंडीशन के अनुसार थोड़ा बदल सकता है, इसलिए एक बार पेडियाट्रिशन या डाइटिशन से सलाह जरूर लें।
कुछ आम गलतियों से बचना जरूरी है
बहुत से लोग समझते हैं कि सिर्फ दूध ही बच्चों को प्रोटीन देने के लिए काफी है, लेकिन ऐसा नहीं है। दूध एक अच्छा स्रोत है, पर अकेले इससे पूरी जरूरत पूरी नहीं होती। इसी तरह बाजार में मिलने वाले प्रोटीन बार्स या डिब्बाबंद शेक्स को बिना सलाह के बिल्कुल न दें। और सबसे जरूरी बात – जबरदस्ती न खिलाएं। प्यार और स्वाद के साथ दिया गया खाना बच्चे को खुशी से खाने की आदत डालता है।
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प्रोटीन से होने वाले फायदे खुद देखिए
जब बच्चा हर दिन पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेता है, तो उसके शरीर और व्यवहार में बहुत से सकारात्मक बदलाव नजर आते हैं। उसकी हाइट और वेट सही से बढ़ते हैं, थकान कम होती है, बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है और पढ़ाई में फोकस भी अच्छा होता है। मतलब, एक छोटा-सा बदलाव – सही प्रोटीन देने का – बच्चे की पूरी लाइफस्टाइल को बेहतर बना सकता है।
हर माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी है कि बच्चों को प्रोटीन कैसे दें ? क्योंकि बच्चे की सही ग्रोथ सिर्फ भूख मिटाने से नहीं, पोषण देने से होती है। बचपन में मिले अच्छे पोषण की नींव बच्चे के बेहतर भविष्य की गारंटी होती है। इसलिए आज ही अपने किचन में एक नजर डालिए और सोचिए कि आप कैसे हर मील को थोड़ा और हेल्दी बना सकते हैं।
बच्चों को प्रोटीन कैसे दें? – 10 ज़रूरी Facts:
- हर बच्चे को रोजाना 1 ग्राम प्रति किलो वज़न के हिसाब से प्रोटीन की जरूरत होती है – यानी अगर बच्चा 25 किलो का है, तो उसे लगभग 25 ग्राम प्रोटीन चाहिए।
- दालें और पनीर जैसे शाकाहारी फूड्स भी उतना ही अच्छा प्रोटीन देते हैं जितना मांसाहारी फूड्स।
- अंडा एक ऐसा फूड है जिसमें सबसे हाई क्वालिटी प्रोटीन होता है और यह बच्चों के लिए आसानी से पचने वाला होता है।
- दूध, दही और छाछ जैसे डेयरी उत्पाद बच्चों के लिए प्रोटीन और कैल्शियम का शानदार कॉम्बिनेशन होते हैं।
- बच्चों को प्रोटीन दिन में 3–4 बार की डाइट में बांटकर देना ज्यादा असरदार होता है, बजाय एक बार में देने के।
- सोया और मूंगफली जैसे प्लांट-बेस्ड फूड्स प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर और हेल्दी फैट्स भी देते हैं।
- बच्चों को प्रोटीन कैसे दें? इसका जवाब सिर्फ खाने की चीजों में नहीं, खाने के प्रेजेंटेशन में भी छुपा होता है – फूड को टेस्टी और रंगीन बनाकर परोसें।
- बहुत ज्यादा प्रोटीन देना भी नुकसानदायक हो सकता है – इसलिए बैलेंस बना कर देना जरूरी है।
- बाजार के प्रोटीन बार्स और शेक्स में चीनी और प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के न दें।
- स्कूल टिफिन में हाई-प्रोटीन फूड्स देने से बच्चा दिनभर एक्टिव और फोकस्ड रहता है, जिससे पढ़ाई में परफॉर्मेंस भी बेहतर होता है।