नमस्कार प्यारे माता पिता और प्यारे दोस्तों जैसा की आप सभी लोग जानते हैं बच्चों को बुखार में क्या खाना चाहिए?बच्चों में एक आम समस्या है बुखार , लेकिन जब आपका नन्हा बच्चा बुखार से पीड़ित होता है, तो माता-पिता के लिए यह एक चिंता का विषय बन जाता है। इस दौरान केवल दवा ही नहीं, बल्कि सही खान-पान भी उतना ही ज़रूरी होता है। बुखार में बच्चों का शरीर कमज़ोर हो जाता है, और पाचन क्षमता भी घट जाती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि बच्चे को क्या खिलाएं और क्या नहीं।हम बात करेंगे बुखार में बच्चों को क्या खाना चाहिए, क्यों खाना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जैसा की आप सभी जानते हैं की हम अपने पिछले Articles में भी आपको सेहत से जुड़ी अच्छी सलाह देते आए हैं और आज का ये आर्टिकल भी काफी खास होने वाला है तो इसीलिए आप पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहिए।
1. तरल पदार्थ सबसे ज़रूरी हैं
बुखार के समय शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। ऐसे में बच्चे को बार-बार तरल पदार्थ देना बहुत जरूरी हो जाता है।
क्या दें:
- गुनगुना पानी: हर घंटे थोड़ी मात्रा में पिलाते रहें।
- नारियल पानी: इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं।
- फलों का ताजा रस: संतरा, मौसमी जैसे फलों का रस विटामिन C से भरपूर होता है।
- नींबू पानी: थोड़ा सा नमक मिलाकर, यह शरीर को डिटॉक्स करता है।
- चावल का मांड (rice starch): पचने में आसान और एनर्जी देने वाला।
क्यों ज़रूरी है?
- शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
- डिहाइड्रेशन से बचाता है।
- बुखार में पसीना ज़्यादा आता है, उसकी भरपाई करता है।

2. सुपाच्य और हल्का खाना दें
बुखार में बच्चे का पाचन कमजोर हो जाता है। ऐसे में उसे हल्का और सुपाच्य खाना देना चाहिए ताकि पेट पर दबाव न पड़े।
विकल्प:
- खिचड़ी: मूंग दाल और चावल की हल्की खिचड़ी, थोड़े देसी घी के साथ।
- साबूदाना: खिचड़ी या खीर के रूप में – ऊर्जा से भरपूर और हल्का।
- दलिया: सूजी या ओट्स का दलिया दूध या पानी में बनाकर दें।
- उबली हुई सब्जियाँ: लौकी, गाजर, सेम जैसी सब्जियाँ – मसालों के बिना।
- वेग सूप/चिकन सूप: यदि बच्चा नॉनवेज खाता है तो हल्का चिकन सूप बहुत लाभकारी है।
क्यों ज़रूरी है?
- पचने में आसान होता है।
- पोषण देता है।
- शरीर को रिकवरी में मदद करता है।
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3. फल ज़रूर शामिल करें
बुखार में फल बच्चे को ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स प्रदान करते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।
क्या फल दें:
- केला: पचने में आसान और एनर्जी देने वाला।
- सेब: उबला या मैश करके दें, फाइबर से भरपूर।
- पपीता: पाचन को बेहतर करता है और विटामिन A देता है।
- चीकू: एनर्जी बूस्टर और पचने में आसान।
- अमरूद: सीमित मात्रा में, क्योंकि ज़्यादा लेने से गले में खराश हो सकती है।
क्यों ज़रूरी है?
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
- विटामिन C संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
- बच्चे की भूख न लगे तब भी फल थोड़े-थोड़े खिलाए जा सकते हैं।
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4. धीरे-धीरे ठोस आहार देना शुरू करें
बुखार थोड़ा कम होने पर आप धीरे-धीरे ठोस चीजें भी देना शुरू कर सकते हैं। पर याद रखें कि यह भी नरम और हल्का हो।
उदाहरण:
- रोटी को दूध या दाल में डुबाकर नरम बना दें।
- मैश की हुई सब्जियाँ: जैसे आलू या गाजर।
- उबले अंडे: यदि डॉक्टर की अनुमति हो और बच्चा खाता हो।
- हल्की रोटी सब्जी: कम नमक और मसाले में बनी।
5. बच्चे की भूख का ध्यान रखें
बुखार में बच्चा अक्सर भूख नहीं लगने की शिकायत करता है। ऐसे में ज़बरदस्ती खाना खिलाने की बजाय, थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार दें।
टिप्स:
- हर 2-3 घंटे में कुछ न कुछ दें।
- जब भी बच्चा खुद खाने की इच्छा जताए, उसे तुरंत हल्का खाना दें।
- तरल और सॉलिड फॉर्म का संतुलन रखें।
6. क्या नहीं देना चाहिए?
कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो बुखार में बच्चे को बिल्कुल नहीं देनी चाहिए क्योंकि ये शरीर पर और दबाव डालती हैं।
परहेज़ करें:
- तली-भुनी चीजें (पूड़ी, समोसा, पकोड़े आदि)
- मसालेदार भोजन
- बर्फ या ठंडी चीजें
- कोल्ड ड्रिंक्स और बॉटल वाले जूस
- चॉकलेट, टॉफी या मिठाइयाँ
- रेड मीट या भारी दालें (चना, राजमा)
क्यों नहीं देना चाहिए?
- पचने में कठिन होती हैं।
- इम्यून सिस्टम पर अतिरिक्त बोझ डालती हैं।
- संक्रमण को बढ़ा सकती हैं।
7. घरेलू उपाय साथ में आज़माएं
खान-पान के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय भी बुखार में राहत दिला सकते हैं:
- गुनगुने पानी से स्पंज करें।
- तुलसी की पत्तियों का काढ़ा थोड़ी मात्रा में दें (बच्चे की उम्र अनुसार)।
- अदरक-शहद की चुटकी (1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए)।
- पैरों की मालिश नारियल या सरसों के तेल से करें
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8. साफ-सफाई और आराम भी ज़रूरी
बुखार में खाना जितना ज़रूरी है, उतना ही जरूरी है सफाई और आराम।
ध्यान दें:
- खाना बनाने और परोसने से पहले हाथ धोएं।
- बर्तन साफ और उबले हुए हों तो बेहतर।
- बच्चे को पर्याप्त नींद और आराम दें।
- अधिक थकाने वाले खेलों से दूर रखें।

9. कब डॉक्टर के पास जाएं?
यदि बच्चे का बुखार लगातार बना रहे या नीचे न आए, तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी हो जाता है।
सतर्कता के संकेत:
- 102°F से ऊपर का बुखार 3 दिन से ज़्यादा रहे।
- बच्चा बहुत सुस्त या बेहोश-सा लगे।
- खाना-पीना पूरी तरह बंद कर दे।
- उल्टी, दस्त या चकत्ते दिखें।
- साँस लेने में दिक्कत हो।
निष्कर्ष: बच्चों को बुखार में क्या खाना चाहिए?
बच्चों के बुखार में सही खाना देना उनके जल्दी ठीक होने की दिशा में पहला कदम होता है। हल्का, पोषक और सुपाच्य खाना उनकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है और रिकवरी को तेज करता है। जितना ध्यान आप दवा पर देते हैं, उतना ही ध्यान आहार पर देना भी जरूरी है। धैर्य और प्यार से, आप अपने बच्चे को बुखार से सुरक्षित बाहर निकाल सकते हैं।
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